भूमिकाएँ एवं कार्य


केंद्रीय सतर्कता आयोग, भारत सरकार का सर्वोच्च सत्यनिष्ठ संस्थान है, जिसे भ्रष्टाचार से संघर्ष करने के लिए तथा प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं में सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए अधिदेश प्राप्त है । पारदर्शी, नैतिक, उद्देश्यपूर्ण, जवाबदेह और उत्तरदायी शासन प्रणाली के लक्ष्य के साथ संगठनों में एक कुशल सतर्कता प्रशासन बनाने पर आयोग का ध्यान केंद्रित है, जो प्रभावी भ्रष्टाचार विरोधी और निवारक उपायों को सुनिश्चित करेगा, जिससे सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट और अनुचित प्रथाओं में लिप्त होने की संभावना समाप्त हो जाएगी ।

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के सतर्कता प्रशासन पर अधीक्षण करके, केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले संदर्भ की जाँच करके या जाँच अथवा अन्वेषण करवाकर, अपनी अधिकारिता के अंतर्गत किसी अधिकारी के विरुद्ध प्राप्त किसी भी शिकायत पर जाँच करके या जाँच अथवा अन्वेषण करवाकर, केंद्र सरकार और उसके संगठनों को ऐसे मामलों पर सलाह देकर, जो उनके द्वारा संदर्भित किए जा सकते हैं, आयोग द्वारा किसी एजेंसी को दिए संदर्भ पर की गई जाँच की रिपोर्ट मांग कर और आगे की कार्रवाई के लिए सलाह देकर आयोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है ।

लोकपाल द्वारा समूह क, ख, ग और घ अधिकारियों से संबंधित संदर्भित शिकायतों की प्रारंभिक जाँच भी आयोग करता है। आयोग लोकहित प्रकटीकरण और मुखबिर संरक्षण संकल्प (पीडपी) के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों में जाँच करवाता है और तदनुसार उन पर उचित कार्रवाई करने की सिफारिश करता है । इसके अतिरिक्त, आयोग दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (सीबीआई) के कार्यकरण का अधीक्षण करता है, जहाँ तक इसका संबंध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अपराधों की जाँच; या लोक सेवकों की कुछ श्रेणियों के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत किसी अपराध से संबंधित है । यह दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (सीबीआई) को भी अधीक्षण के लिए निर्देश देता है जहाँ तक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अपराधों की जाँच से संबंधित है ।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत किए गए कथित अपराधों में या दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अपराधों में आयोग, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (सीबीआई) द्वारा संचालित जाँच की प्रगति की भी समीक्षा करता है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकारियों के पास लंबित आवेदनों की प्रगति की समीक्षा करता है ।

प्रवर्तन निदेशालय में उप निदेशक और उससे ऊपर के स्तर (निदेशक सहित) के पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा की जाती है जिसमें सतर्कता आयुक्त और भारत सरकार के अन्य अधिकारी सदस्य होते हैं ।

इसके अलावा, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (निदेशक, सीबीआई को छोड़कर) में पुलिस अधीक्षक और उससे ऊपर के स्तर के पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति द्वारा की जाती है जिसमें सतर्कता आयुक्त और भारत सरकार के अन्य अधिकारी सदस्य होते हैं ।